पुरुष हॉकी विश्वकप का आगाज होने में कुछ ही दिन बचे है. इसका आयोजन लगातार दूसरी बार भारतीय सरजमी पर होने वाला है. भारत के उड़ीसा राज्य में भुवनेश्वर और राउरकेला इसकी मेजबानी करेंगे. इससे पहले भी साल 2018 में हॉकी विश्वकप का आयोजन उड़ीसा के ही भुवनेश्वर में ही हुआ था. वहीं राउरकेला में नया हॉकी का मैदान बना है. जो दुनिया का सबसे बड़ा और बेहतरीन स्टेडियम माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि इसे बेहद अत्याधुनिक तरीके से बनाया गया है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि राउरकेला का स्टेडियम नहीं बल्कि पाकिस्तान के लाहौर में स्थित हॉकी स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है.
राउरकेला नहीं दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम
ऐसे में जो दावा किया जा रहा है उस पर बात करते हैं. दुनिया का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम लाहौर में जो मौजूद है उसमें 45,000 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है. वहीं इसके बाद भारत के चंडीगढ़ में स्थित हॉकी स्टेडियम में दर्शकों के बैठने की क्षमता 30,000 दर्शक है. वहीं तीसरे नम्बर पर अमेरिका के लॉस एंजिल्स स्टेडियम है जिसमें दर्शकों के बैठने की क्षमता 22,000 से ज्यादा है.
वहीं उड़ीसा के खेल मंत्री टी के बेहरा ने कहा कि, ‘राउरकेला में बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है. हम यह खुद से नहीं कह रहे हैं. यह FIH द्वारा प्रमाणित किया गया है की बैठने की क्षमता के हिसाब से बिरसा मुंडा स्टेडियम सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम है.’ उड़ीसा के खेल सचिव आर वैलीन कृष्णा ने पहले स्पष्ट किया था कि बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम सबसे बड़ा स्टेडियम है क्योंकि यहाँ 20,000 लोग औपचारिक रूप से एक साथ बैठकर मैच देख सकते हैं. वहीं भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में 15,000 लोगों के बैठने की क्षमता है.
वहीं नवनिर्मित बिरसा मुंडा स्टेडियम में 400 खिलाड़ियों और अधिकारीयों के रहने के लिए 220 से ज्यादा कमरें मौजूद है. इसे वर्ल्डकप विलेज के नाम पुकारा जाता है. इस वर्ल्डकप के 20 मैच राउरकेला में खेले जाएंगे.