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बेहतरीन गोलकीपर श्रीजेश के संघर्ष की कहानी, गाय बेचकर पिताजी ने दिलाए थे पैड

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हॉकी न्यूज़ - बेहतरीन गोलकीपर श्रीजेश के संघर्ष की कहानी, गाय बेचकर पिताजी ने दिलाए थे पैड

भारत के उड़ीसा में चल रहे 15वें हॉकी पुरुष विश्वकप में भारतीय टीम का शानदार प्रदर्शन रहा है. पहले मैच में भारत ने स्पेन को हराया था उसेक बाद इंग्लैंड के साथ मैच ड्रॉ हुआ था. तीसरे मैच मैच में फिर भारत ने वेल्स को हराया था. हालांकि भारत अभी तक इसके क्वार्टरफाइनल में जगह नहीं बना पाया है. लेकिन वहीं टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने हर मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया है. टीम के अनुभवी खिलाड़ी और विश्व के बेहतरीन गोलकीपर में से एक श्रीजेश ने अपने इस सफर में काफी मुश्किलों का सामना किया है. उन्होंने जो ये मुकाम हासिल किया है उसमें काफी कठिनाईयां आई है जिनका उन्होंने सामने किया है.

श्रीजेश ने टीम में जगह बनाने के लिए किए कई संघर्ष

एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी कहानी बताते हुए कहा था कि, ‘शुरुआत में हमारे घर में काफी तंगी थी. बचपन में मैं थोडा शरारती था. इस वजह से पापा से काफी मार भी पड़ती थी. जिस दिन मेरा चयन हुआ तो पापा को मैंने बताया कि मुझे गोलकीपर बनना है. लेकिन इसके लिए पैड काफी महंगे आते थे. मैं किसान परिवार से आता हूँ. हमारे पास पैसे नहीं थे तो इसके लिए पिताजी ने अपनी गाय बेच दी थी.’

सिर्जेश ने साल 2006 में डेब्यू किया था. दक्षिण एशियाई खेलों के दौरान उन्हें सबसे पहले खेलने का मौका मिला था. इसके बाद साल 2008 में जूनियर एशिया कप में भारत की जीत में उनकी अहम भूमिका था. और इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर के खिताब से भी नवाजा गया था. इसके छह साल बाद वह भारतीय टीम के सदस्य तो रहें लेकिन उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिल सके थे. इसके बाद साल 2011 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने फिर खुद को सही साबित किया जिसके बाद उनकी टीम में जगह पक्की हुई थी.
इसके बाद साल 2013 में एशिया कप में उन्हें सबसे सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर के रूप में चुना गया था. वहीं साल 2017 में वह एक खिलाड़ी से टकरा जाने के बाद घुटने में चोट लगवा बैठे थे. इसके बाद उनके लिए माना जा रहा था कि वह अब आगे नहीं खेल सकेंगे लेकिन उन्होंने सबको गलत ठहराया और फिर से कमबेक किया था.
वह लगातार दो बार FIH द्वारा सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का खिताब जीतने वाले खिलाड़ी भी बने हैं.
Yash Sharma
Yash Sharmahttps://bestfieldhockeynews.com/
फील्ड हॉकी एक आयताकार मैदान पर 11 खिलाड़ियों की दो टीमों द्वारा खेला जाने वाला खेल है, जिसका उद्देश्य गेंद को विरोधी टीम के गोल में डालना है।

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