भारत के उड़ीसा में चल रहे 15वें हॉकी पुरुष विश्वकप में भारतीय टीम का शानदार प्रदर्शन रहा है. पहले मैच में भारत ने स्पेन को हराया था उसेक बाद इंग्लैंड के साथ मैच ड्रॉ हुआ था. तीसरे मैच मैच में फिर भारत ने वेल्स को हराया था. हालांकि भारत अभी तक इसके क्वार्टरफाइनल में जगह नहीं बना पाया है. लेकिन वहीं टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने हर मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया है. टीम के अनुभवी खिलाड़ी और विश्व के बेहतरीन गोलकीपर में से एक श्रीजेश ने अपने इस सफर में काफी मुश्किलों का सामना किया है. उन्होंने जो ये मुकाम हासिल किया है उसमें काफी कठिनाईयां आई है जिनका उन्होंने सामने किया है.
श्रीजेश ने टीम में जगह बनाने के लिए किए कई संघर्ष
एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी कहानी बताते हुए कहा था कि, ‘शुरुआत में हमारे घर में काफी तंगी थी. बचपन में मैं थोडा शरारती था. इस वजह से पापा से काफी मार भी पड़ती थी. जिस दिन मेरा चयन हुआ तो पापा को मैंने बताया कि मुझे गोलकीपर बनना है. लेकिन इसके लिए पैड काफी महंगे आते थे. मैं किसान परिवार से आता हूँ. हमारे पास पैसे नहीं थे तो इसके लिए पिताजी ने अपनी गाय बेच दी थी.’